हृदय रोग, जीवनशैली से संबंधित बीमारियां हैं और इसलिए उपचार को भी उसी दिशा में केंद्रित किया जाना चाहिए। भारतीय समाज में ये बीमारियां एक बड़े बोझ का रूप ले चुकी हैं, जिससे लाखों लोग और देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। इन बीमारियों को जड़ से मिटाने का समय आ गया है। नई दिल्ली स्थित साओल हार्ट सेंटर के निदेशक, डॉ. बिमल छाजेड़ ने बताया कि, “वर्तमान में हृदय रोग विशेषज्ञ बाईपास सर्जरी या एंजियोप्लास्टी, दवाओं, आपातकालीन उपचारों के अधिक उपयोग पर जोर देकर गलत रास्ता अपना रहे हैं। समस्या यह है कि वे हार्ट अटैक और हृदय रोगों के वास्तविक कारण को अनदेखा कर रहे हैं। चूंकि हृदय रोगों के वास्तविक कारण को खत्म करने से हृदय रोगों के मामलों में कमी लाई जा सकती है। चूंकि, बीमारी के इलाज की प्रक्रिया में खून का बहाव होता है जिससे संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसे में यदि किसी मरीज को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है, तो ऐसी खतरनाक प्रक्रियाओं को अनदेखा करना ही बेहतर है।” भारत में दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए साओल हार्ट सेंटर अपनी 25वीं सालगिरह और विश्व हृदय दिवस 2020 के अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है। यह वेबिनार 29 सितंबर 2020 को प्रात 9 बजे शुरू किया जाएगा, जिसे सभी लोग निशुल्क लॉगइन कर पाएंगे। इस सत्र का उद्देश्य लोगों को सबसे आम लेकिन घातक बीमारी हार्ट अटैक की रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरुक करना है। साओल के संस्थापक, डॉ. बिमल छाजेड़ द्वारा आयोजित वेबिनार जीवनशैली संबंधित बदलावों, आहार, व्यायाम और योग के जरिए हृदय रोगों की रोकथाम पर प्रकाश डालेगी।
हृदय संबंधित बीमारियां दुनिया के अधिकांश देशों में मृत्यु का सबसे आम कारण बनी हुई हैं। विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत में हृदय रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है और इसके मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। इस कार्यक्रम में मरीजों और जिनमें हृदय रोगों का खतरा है, उन्हें समग्र हृदय देखभाल के तरीकों के बारे में शिक्षित किया जाएगा। आहार विशेषज्ञों और योग विशेषज्ञों द्वारा रोगियों को आहार, एक्सरसाइज और योग द्वारा हृदय रोगों के प्रबंधन के बारे में शिक्षित किया जाएगा। डॉ. छाजेड़, जो पिछले 24 वर्षों से हृदय रोगों में कमी लाने की ओर काम कर रहे हैं, ने एक साओल सेफ्टी सर्कल तैयार किया है जो देश-विदेश के हर नागरिक को हृदय रोगों की रोकथाम के लिए मार्गदर्शित करता है। डॉ. विमल ने आगे बताया कि, “मैंने पिछले 24 सालों में जीवनशैली में बदलाव, यूएस एफडीए अनुमोदित ईईसीपी और आयुर्वेद, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी व डीटॉक्सीफिकेशन जैसे नॉन-इनवेसिव उपचारों से लगभग 2 लाख हृदय रोगियों का इलाज किया है। साओल सेफ्टी सर्कल के विकास के साथ, जो हृदय स्वास्थ्य का सबसे अच्छा इंडीकेटर है, हृदय के संभावित रोगों के रोकथाम में मदद मिली है। इसके तीन सर्कल हैं और नियंत्रण के लिए 12 कारक, मेडिकल से संबंधित 6 पैरामीटर और 4-4 पैरामीटर हेल्दी डाइट और जीवनशैली में बदलावों से संबंधित हैं।”