India-China Visa Security Risks: भारत और चीन के बीच रिश्ते देखने में तो धीरे-धीरे सामान्य होते हुए नजर आ रहे हैं। सन 2020 गलवान झड़प के बाद पांच साल से बंद पड़े पर्यटन वीजा (India China Visa Risks) अब फिर से शुरू हो गए हैं। जनवरी 2025 में दोनों देशों ने सीधे फ्लाइट्स शुरू करने का समझौता किया था, जो अक्टूबर में शुरू हो चुकी हैं। लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत की सामरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। चीनी नागरिकों को भारत में आसानी से एंट्री देने से जासूसी, साइबर हमले और बॉर्डर इलाकों में उनकी घुसपैठ का खतरा बढ़ गया है। खासकर जब चीन पाकिस्तान को हथियार दे रहा हो और हाल के भारत-पाक संघर्ष में उसकी मिसाइलें भारत के खिलाफ इस्तेमाल की गई हों। आइए, एक्सपर्ट्स से समझते हैं कि यह फैसला क्यों जोखिम भरा है।
सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे: जयशंकर
सन 2025 में भारत-चीन संबंधों में गर्मजोशी आई है। जुलाई में विदेश मंत्री एस जयशंकर बीजिंग गए, जहां उन्होंने कहा कि रिश्ते “सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं”। इसके आद अगस्त में चीनी विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली आए और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बॉर्डर डी-एस्केलेशन पर बात की। कैलाश मानसरोवर यात्रा जून में फिर शुरू हुई। लेकिन पर्यटन वीजा बहाल होते ही चिंताएं बढ़ गईं। रक्षा विशेषज्ञ संजीव श्रीवास्तव कहते हैं, “यह कदम द्विपक्षीय रिश्तों के लिए सकारात्मक है, लेकिन सुरक्षा जांच सख्त करनी होगी। चीनी पर्यटक बॉर्डर क्षेत्रों में घूम सकते हैं, जहां संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा है।”
बढ़ सकती है हाई-टेक जासूसी (Chinese Spying Satellite Phones)
उधर सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि चीनी नागरिकों के जरिए हाई-टेक जासूसी बढ़ सकती है। ध्यान रहे कि सन 2017 में लद्दाख के डेमचोक में चीनी सेना ने भारत में प्रतिबंधित थुराया सैटेलाइट फोन इस्तेमाल कर भारतीय सुरक्षा बलों की लोकेशन ट्रैक की थी। सामरिक सूत्रों के मुताबिक, ये फोन तिब्बत से ऑपरेट हो रहे थे और भारतीय सैन्य गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे। रक्षा विशेषज्ञ जीडी बख्शी (रिटायर्ड मेजर जनरल) कह चुके हैं, “चीन के युवा इंजीनियर और स्टूडेंट्स सैटेलाइट फोन या ड्रोन से जासूसी करते पकड़े गए हैं। वीजा खुलने से ऐसे मामले बढ़ सकते हैं, क्योंकि पर्यटक बन कर संवेदनशील इलाकों में घुसना आसान हो जाएगा।”
सैटेलाइट फोन से होती रही है जासूसी
एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि वीजा पर सख्त स्क्रीनिंग हो, जैसे चेहरे की पहचान और बॉर्डर एरिया में एंट्री बैन। रिटायर्ड एयर मार्शल एएस मित्तल कहते हैं, “सैटेलाइट फोन जैसी जासूसी रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी मजबूत करो। चीन के स्टूडेंट्स को संवेदनशील कोर्स से दूर रखो।” ध्यान रहे कि अमेरिकी टैरिफ ने भारत को मजबूर किया, लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं कि चीन पर भरोसा घातक साबित हो सकता है। मई संघर्ष में पाकिस्तान की जीत ने चीन को प्रमोट किया। उसके एम्बेसी ने सोशल मीडिया पर “सफलता” का प्रचार किया। भारत को अब क्वाड (अमेरिका-जापान-ऑस्ट्रेलिया) से बैलेंस करना होगा। संजीव श्रीवास्तव कहते हैं, “आर्थिक फायदे के चक्कर में सुरक्षा दांव पर न लगाओ। वीजा बहाल ठीक है, लेकिन मॉनिटरिंग डबल करो।”
ड्रैगन और एलीफेंट साथ चलना कहीं खतरनाक न हो (Modi China Visit 2025)
गौरतलब है कि सन 2025 में अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाए, खासकर रूसी तेल खरीदने की सजा के नाम पर ऐसा किया गया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में सात साल बाद चीन की यात्रा की थी। तियानजिन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट के दौरान मोदी ने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। तब दोनों ने “ड्रैगन और एलीफेंट साथ चलें” की बात की थी।
हिमालयन बॉर्डर पर 20,000 सैनिक अभी भी तैनात
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह यात्रा भारत पर अमेरिकी दबाव के बाद उपजी थी। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के विश्लेषक कहते हैं, “ट्रंप के टैरिफ ने भारत को चीन की ओर धकेल दिया। लेकिन इससे बॉर्डर पर तनाव कम नहीं होगा, बल्कि पाकिस्तान को फायदा पहुंचेगा।” मोदी ने कहा कि रिश्ते “पारस्परिक सम्मान” पर टिके रहें, लेकिन हिमालयन बॉर्डर पर 20,000 सैनिक अभी भी तैनात हैं।
सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तान के रास्ते आ रहा (China Pakistan Missiles India)
प्रतिरक्षा सूत्र कहते हैं कि भारत में सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तान के रास्ते आ रहा है। मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (26 नागरिक मारे गए) के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। पाकिस्तान ने जवाब में चीनी HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल और J-10 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया। अमेरिकी यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार था जब चीन के ये हथियार रीयल कॉम्बैट में टेस्ट हुए। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके J-10C और JF-17 ने पांच भारतीय राफेल गिराए, हालांकि भारत ने नुकसान की पुष्टि नहीं की। चीन की नीयत पर शक यहीं से पैदा होता है रिपोर्ट कहती है, “चीन ने इस संघर्ष को लाइव टेस्टिंग ग्राउंड बनाया। PL-15 मिसाइल के पार्ट्स भारत में गिरे, जो 90 मील रेंज वाले हैं।”
चीन पाकिस्तान को सप्लाई करता है 82% हथियार
यह बात अब साफ है कि चीन पाकिस्तान को 82% हथियार सप्लाई करता है। जून 2025 में चीन ने पाक को 40 J-35 फिफ्थ-जनरेशन जेट, KJ-500 AWACS और बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम बेचने का ऑफर दिया। फ्रेंच इंटेलीजेंस के मुताबिक, चीन ने दुष्प्रचार अभियान चला कर राफेल की बिक्री रोकने की कोशिश की और AI-जनरेटेड इमेजेज से भारतीय विमानों के मलबे दिखाए।
यह भारत के लिए ‘प्रॉक्सी वॉर’ जैसा
रक्षा विश्लेषक माइकल कुगेलमैन कहते हैं, “यह भारत के लिए ‘प्रॉक्सी वॉर’ जैसा है। चीन पाकिस्तान के जरिए भारत पर मिसाइलें चला रहा है, वह भारत से सीधे तौर पर उलझे बिना ऐसा कर रहा है। अब वीजा और फ्लाइट्स से चीनी एजेंट्स आसानी से घुसपैठ कर सकेंगे।” यह फैसला भारत की ‘स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी’ दिखाता है, लेकिन पाक-चीन गठजोड़ से सतर्क रहना जरूरी है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बिना मजबूत चेक के यह ‘ट्रोजन हॉर्स’ साबित हो सकता है। रक्षा विशेषज्ञों ने वीजा बहाली को “जोखिम भरा दांव” बताया है, लेकिन साथ ही कहा कि सख्त सुरक्षा से इसे संभाला जा सकता है। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है कि क्या अमेरिकी टैरिफ ने भारत को चीन की गोद में धकेल दिया।
एक्सपर्ट मेजर नरपतसिंह राजपुरोहित ने कहा, भारत पूरी तरह सतर्क
रिटायर्ड मेजर नरपतसिंह राजपुरोहित ने संपर्क करने पर patrika.com से बातचीत में कहा कि मैं पहले गलवान और भारत के पूर्वी अंतिम सीमा चीन के पूर्वी वालोन सीमा पर जा कर आया हूं। मैं दस दिन ऑफिशियल दौरे पर चीन गया था चीन सीमा पर रहा भी हूं। मैं टीम लीडर था। मेरा कहना है कि चीन के साथ संबंध सुधरना अच्छी बात है, लेकिन नागरिकों पर नजर रखनी होगी। इसे पॉइश्चरिंग कहते हैं। पाकिस्तान अमेरिका की गोद में बैठ गया है, जो चीन को अच्छा नहीं लगा। चीन इसी कारण पाकिस्तान से हाथ खींच कर भारत के साथ दोस्ती का रुख दिखा रहा है। इसके बावजूद भारत पूरी तरह सतर्क है।
चीन पाक को हाइपरसोनिक मिसाइल दे रहा है
बहरहाल आने वाले महीनों में भारत-चीन ट्रेड बढ़ेगा, लेकिन बॉर्डर पर तनाव कम करने की वार्ता तेज होगी। जब चीन पाक को हाइपरसोनिक मिसाइल दे रहा है, तब वीजा खोलना जैसे दुश्मन को घर में बुलाना है। अमेरिकी दबाव ने भारत की विदेश नीति को नया मोड़ दिया, लेकिन पाकिस्तान का फायदा न हो, इसका ध्यान रखना होगा।
