विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिक्स समूह के एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसे ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने सोमवार को व्यापार और टैरिफ पर अमेरिका की नीतियों से उत्पन्न व्यापार व्यवधानों पर चर्चा के लिए बुलाया है।
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टैरिफ विवाद से निपटने के लिए बनेगा साझा दृष्टिकोण
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के टैरिफ विवाद से निपटने के लिए एक साझा दृष्टिकोण तैयार करना है। ब्राजील वर्तमान में ब्रिक्स का अध्यक्ष है। इस दस सदस्यीय समूह में भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं। ब्राजीली लूला राष्ट्रपति ने 7 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया था।
VIDEO | Delhi: Responding to a media query about the BRICS meeting, MEA spokesperson Randhir Jaiswal (@MEAIndia) said, “Yes, the Brazilian chair of BRICS has called for a virtual meeting on September 8. From our side, EAM S Jaishankar will participate.”#BRICS
(Full video… pic.twitter.com/HAOVTDQ0d4— Press Trust of India (@PTI_News) September 5, 2025
भारत की तरह ब्राजील पर अमेरिका ने लगाए 50% टैरिफ
अमेरिका ने भारत की तरह ब्राजील के निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। ब्राजील से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, ब्राजील के राष्ट्रपति ब्रिक्स वर्चुअल शिखर सम्मेलन में टैरिफ मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली ने ब्रिक्स के एजेंडे के बारे में वाशिंगटन के बढ़ते शक को देखते हुए संतुलन बनाने के प्रयास के तहत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जयशंकर को नामित करने का फैसला लिया है। ट्रंप ने ब्रिक्स को किसी भी डी-डॉलरीकरण प्रयासों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कई टिप्पणियां की थीं।
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ब्रिक्स में शामिल हैं ये सभी देश
ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। 2024 में विस्तार कर इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया और 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो गया। यह एक प्रभावशाली समूह के रूप में उभरा है। यह वैश्विक जनसंख्या का लगभग 49.5 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का लगभग 26 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।
