भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की ने 14 जून को जेईई (एडवांस) 2019 के नतीजों की घोषणा कर दी। इसमें नारायणा एकेडमी ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है। नारायणा एकेडमी ने देश मे शीर्ष 10 रैंक में 4 रैंक (4, 5, 8 और 9 रैंक) हासिल कर अपने संस्थान का लोहा मनवाया है। शीर्ष 100 रैंक में, नारायणा
एकेडमी ने 24 रैंक हासिल किये हैं,नारायणा एकेडमी ने इस प्रकार भारत के प्रमुख कोचिंग संस्थान के रूप में अपना स्थान स्थापित किया है।

मीडिया को संबोधित करते हुए, नारायण समूह के उपाध्यक्ष डॉ. के. गोपाल ने कहा, “हमने एक बार फिर से 2019 की जेईई (एडवांस ) परीक्षा में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन दोहराया है। इस बार जेईई (एडवांस्ड) के लिए 1.61 लाख उम्मीदवार उपस्थित हुए थे। इनमें से कुल 38,705 छात्र उत्तीर्ण हुए। हमारी सीखने की प्रणाली पद्धति नारायणा एकेडमी के छात्रों को बेहतर परिणाम के लिए प्रेरित करने और अथक प्रयास करने के लिए बनाई जाती है। हमारे साप्ताहिक परीक्षण (सामान्य अभ्यास परीक्षण) छात्रों को उत्तम बनाते हैं, क्योंकि इसमें कमज़ोर क्षेत्रों की पहचान कर सुधार के लिए तत्काल समाधान सुझाए जाते हैं।”

नारायण एकेडमी के पंजाबी बाग शाखा के निदेशक श्री अनुराग मिश्रा ने कहा, “नारायण के छात्रों को जेईई मेन्स या एडवांस का सामना करने में कोई कठिनाई नहीं होती है, क्योंकि पूरे वर्ष में नारायणा में इसी तरह के परीक्षण आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम जेईई एडवांस के परिणामों को लेकर बहुत संतुष्ट और ख़ुश हैं। हमारे छात्र ध्रुव कुमार गुप्ता 7 वीं कक्षा में ही फाउंडेशन कोर्स में शामिल हो गए थे। उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 9 हासिल कर पूरे संस्थान का नाम रौशन किया है। “पंजाबी बाग़ शाखा के 60 से अधिक छात्रों ने जेईई (एडवांस्ड) पास किया है। यहाँ हमारा लक्ष्य होता है कि सबसे सूक्ष्म विश्लेषण के साथ-साथ छात्रों को कठिन से कठिन प्रश्नों से निबटने का हुनर भी सिखाया जाए।”

वहीं, उत्तीर्ण छात्र ध्रुव गुप्ता अपने अभिभावक, नारायणा एकेडमी के सदस्य, दोस्तों और सहपाठियों के साथ जश्न के मूड में दिखे। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने गुरु और माता-पिता को दिया। ध्रुव ने विशेष रूप से अपने मेंटॉर अनुराग मिश्रा को द्रोणाचार्य बताया। श्री अनुराग मिश्रा पिछले छह वर्षों से ध्रुव के मार्गदर्शक रहे हैं।

इस वर्ष परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी। नारायणा एकेडमी ने साप्ताहिक सत्र और इन-हाउस मॉक टेस्ट के बदौलत छात्रों को इस कठिन परीक्षा के लिए तैयार किया था। यही वजह है कि यहाँ के छात्रों ने इस साल भी अच्छा प्रदर्शन किया है।

नारायणा समूह ने 2004 में उत्तर भारत में अपना परिचालन शुरू किया था। पिछले 15 वर्षों में इसने आकांक्षी इंजीनियरिंग स्नातकों के बीच एक ख़ासा प्रभाव डाला है।