दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस स्थित वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट में 26 फरवरी 2019 को श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से ‘ विमर्श 2019’ की संयुक्त रूप से मेजबानी की जाएगी। हर दो साल में आयोजित होने वाले “विमर्श 2019” के चौथे सम्मेलन में इस बार “भारत में व्यापारिक माहौल को नए मार्केट और वैल्यू नेटवर्क से पूरी तरह बदलने” और “क्रांतिकारी और पूरे मार्केट पर कब्जा करने वाले नए-नए आविष्कारों और उद्यमिता” जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

डॉ. कवल गिल , संयोजक, ‘ विमर्श 2019’ ने बताया, ” वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट के पेंटल मेमोरियल गोल्डन जुबली ऑडिटोरियम में होने वाले ‘ विमर्श 2019’ कार्यक्रम में देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चासंलर प्रोफेसर योगेश के. त्यागी, वरिष्ठ पत्रकार श्री पंकज पचौरी और पीएचडीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री डी. के. अग्रवाल भी अपनी मौजूदगी से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। सम्मेलन में इंडस्ट्री की कई दिग्गज हस्तियां मौजूद रहेंगी, जिसमें डॉक्टर इंस्टा के संस्थापक और सीईओ श्री अमित मुंजाल, रैकस्टाटर्स (आरएसीएसटीआरएटीएस) के संस्थापक डॉ. दीपक पंडित और कनेक्ट वेंचर्स, इंडिया के संस्थापक श्री अनिल गुप्ता शामिल हैं। ये प्रभावशाली हस्तियां सम्मेलन में अपने महत्वपूर्ण विचारों को सभा में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों से साझा करेंगी। ”

विमर्श 2019 के बारे में —

कारोबारी और आविष्कारक इन दिनों एक ऐसी दुनिया का सामना कर रहे हैं, जहां हर रोज इंडस्ट्री की फील्ड में नए-नए आविष्कार होते हैं और रोजाना नए ट्रेंडस उभरते हैं, जिससे नई डिजिटल टेक्नॉलोजी, स्मार्ट प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज, सामूहिक व्यक्तिवाद, महिलाओं की सक्रियता, बदलते सामाजिक ढांचे, कौशल विकास, ज्ञान बटोरने के नए तरीके, आर्थिक अस्थिरता, क्रिप्टो करंसी ओर दुनिया की तरह-तरह की चुनौतियां लगातार सामने आ रही है। इस लगातार बदलते माहौल में अगर किसी को दूसरों से आगे रहना है और अपना महत्व बनाए रखना है तो उन्हें इन सारे बदलाव के मुताबिक खुद को एडजस्ट करना होगा और इसी के साथ-साथ सक्रियता से नए अवसरों का सृजन करना होगा।

हाल ही में डिजिटल क्रांति स्थापित उद्योगों में नाटकीय बदलाव लाने में सफल हुई है और बिजनेस के लिए नया माहौल और परिदृश्य बनाया है। इस तरह के माहौल ने अब तक व्यापार में स्थापित परंपराओं को भंग कर नई तरह की एंट्रिप्रिन्योरशिप को जन्म दिया है। फिलहाल बिजनेस में जो नए ट्रेंड्स उभर रहे हैं, उनके नतीजे काफी अच्छे आ रहे हैं। इस तरह के नतीजे पहले कभी नहीं देखे गए थे। इससे प्रतिस्पर्धा और ग्लोबल होते व्यापारिक माहौल में नए ट्रेंड शुरू करने वाले स्टार्टअप्स की भूमिका काफी प्रभावशाली बन गई है।

नए मार्केट और वैल्यूज से भरपूर कारोबारी माहौल का यह कॉन्सेप्ट उद्यमिता, क्षेत्रीयता और आर्थिक भूगोल में पारिस्थितकी संतुलन, विविधता, लचीलापन लाने और इसकी सेहत दुरुस्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी के साथ सामाजिक उद्यमिता, पर्यावरण का ख्याल रखने वाली व्यापारिक क्षमता, महिला उद्मिता के साथ आर्थिक विकास और स्थिरता मजबूती से उभरकर सामने आ रही है।