राष्ट्रपति बोलीं- सेना ने सीमापार आतंकी ठिकाने तबाह किए:ऑपरेशन सिंदूर ने पहलगाम हमले का जवाब दिया, कश्मीर में रेल पहुंचना माइलस्टोन
नई दिल्ली11 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। 24 मिनट के संबोधन में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, कश्मीर रेल प्रोजेक्ट, विकास, लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था जैसे विषयों पर बात रखी।
उन्होंने कहा- इस साल हमें आतंकवाद का दर्द झेलना पड़ा। पहलगाम हमला कायराना और अमानवीय था। इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने सीमापार आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया। यह आत्मनिर्भर भारत मिशन की परीक्षा का भी अवसर था।
राष्ट्रपति ने आगे कहा- कश्मीर घाटी में रेल सर्विस शुरू होना बड़ी उपलब्धि है। इससे उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिला है। साथ ही कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी, हमारे लिए संविधान सर्वोपरि है।
द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति हैं। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। 64 साल की मुर्मू ने साल 2022 में देश में सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड भी बनाया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन की 5 बड़ी बातें…
ऑपरेशन सिंदूर पर… पहलगाम हमला निर्दोष नागरिकों की हत्या, कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थी। इसका जवाब भारत ने फौलादी संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न सामने आता है तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होते हैं। रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी दक्षता के साथ, हमारी सेना ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। मेरा विश्वास है कि ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद के विरुद्ध मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा। हमारी एकता ही हमारी जवाबी कार्रवाई की सबसे बड़ी विशेषता थी।
अर्थव्यवस्था पर… आर्थिक क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां साफ-साफ देखी जा सकती हैं। पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की सकल-घरेलू-उत्पाद-वृद्धि-दर के साथ भारत, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्याप्त समस्याओं के बावजूद, घरेलू मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बना हुआ है। निर्यात बढ़ रहा है। सभी प्रमुख संकेतक अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शा रहे हैं। श्रमिक और किसान भाई-बहनों की कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ-साथ, सुविचारित सुधारों और कुशल आर्थिक प्रबंधन का भी परिणाम है।
कश्मीर में विकास पर पिछले एक दशक में बुनियादी ढांचे में हुए विकास में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। हमने भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है। रेलवे ने भी नवाचार को प्रोत्साहन दिया है तथा नवीनतम टेक्नोलॉजी से युक्त नए तरह की रेलगाड़ियों और डिब्बों का उपयोग किया जाने लगा है। कश्मीर घाटी में रेल-संपर्क का शुभारंभ करना, एक प्रमुख उपलब्धि है। शेष भारत के साथ घाटी का रेल-संपर्क, उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगा। कश्मीर में, इंजीनियरिंग की यह असाधारण उपलब्धि, हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक माइल स्टोन है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर… आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट का अगला चरण है जो हमारे जीवन में अपना स्थान बना चुका है। सरकार ने देश की AI क्षमताओं को मजबूत करने के लिए इंडिया-AI मिशन शुरू किया है। इस मिशन के तहत ऐसे मॉडल विकसित किए जाएंगे जो भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। हमारी आकांक्षा है कि वर्ष 2047 तक भारत, एक ग्लोबल एआई हब बन जाए। इस दिशा में, सामान्य लोगों के लिए तकनीकी प्रगति का सर्वोत्तम उपयोग और प्रशासन-व्यवस्था में सुधार करके उनके जीवन को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अंतरिक्ष मिशन पर युवा प्रतिभाओं की ऊर्जा से शक्ति प्राप्त करके हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को ऊंचे सपने देखने की प्रेरणा दी है। यह अंतरिक्ष-यात्रा भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। नए आत्मविश्वास से भरपूर हमारे युवा, खेल-जगत में अपनी पहचान बना रहे हैं। उदाहरण के लिए, शतरंज में अब भारत के युवाओं का जैसा वर्चस्व है वैसा पहले कभी नहीं था। राष्ट्रीय खेल नीति 2025 में निहित विजन के अनुरूप, हम ऐसे आमूल बदलावों की परिकल्पना कर रहे हैं जिनके बल पर, भारत एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभरेगा।
अपडेट्स
02:18 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति बोलीं- हमने इंडिया-AI शुरू किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी प्रगति का अगला चरण है। यह पहले ही हमारी जिंदगी में आ चुका है। सरकार ने देश की AI क्षमता को मजबूत करने के लिए इंडिया-AI मिशन शुरू किया है। इसके तहत भारत की जरूरतों के अनुसार एआई मॉडल बनाने में भी मदद मिल रही है।
02:15 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति ने कहा- आयुष्मान भारत योजना से 55 करोड़ लोगों को फायदा हुआ
02:14 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- आर्थिक क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां साफ नजर आती हैं। पिछले वित्त वर्ष में 6.5% की GDP वृद्धि दर के साथ भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है। महंगाई नियंत्रण में है। निर्यात बढ़ रहे हैं। सभी प्रमुख संकेतक बताते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है… अच्छे शासन के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है… आय में असमानता कम हो रही है। क्षेत्रीय असमानताएं भी घट रही हैं। जो राज्य और क्षेत्र पहले कमजोर आर्थिक प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे, वे अब अपनी असली क्षमता दिखा रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं।”
01:55 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- संविधान में चार मूल्यों का उल्लेख
हमारे संविधान में ऐसे चार मूल्यों का उल्लेख है, जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने वाले चार स्तंभ हैं। ये मूल्य न्याय, आजादी, समता और बंधुता हैं। इन सभी मूल्यों में व्यक्ति की गरिमा की अवधारणा मौजूद है।
01:50 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति बोलीं- हमें विभाजन की पीड़ा नहीं भूलनी चाहिए
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- हमारे लोकतंत्र पर आधारित ऐसी संस्थाओं का निर्माण किया जिनसे लोकतांत्रिक कार्यशैली को मजबूती मिली। हमारे लिए हमारा संविधान और लोकतंत्र सर्वोपरी है। विभाजन की पीड़ा हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा- आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर किए गए। आज हम इतिहास की गलतियों के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
01:48 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- देश तेजी से विकास कर रहा
01:45 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति बोलीं- बलिदान के बल पर भारत ने आजादी हासिल की
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- बलिदान के बल पर 78 साल पहले 15 अगस्त के दिन भारत ने आजादी हासिल की थी।
उन्होंने कहा- आजादी को वापस पाने के बाद हम एक ऐसे मार्ग पर बढ़े जिसमें सभी वयस्कों को मतदान का अधिकार था। दूसरे शब्दों में कहें तो हमने अपनी नियति को स्वरूप देने का अधिकार खुद को दिया। अनेक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में जेंडर, धर्म और अन्य आधारों पर लोगों के वोट डालने पर पाबंदियां होती थीं। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। चुनौतियों के बावजूद भारतीयों ने लोकतंत्र को सफलतापूर्वक अपनाया।
01:40 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- कई पीढ़ियों ने स्वतंत्रता दिवस का सपना देखा
01:36 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति बोलीं- 15 अगस्त हमारी सामूहिक स्मृति में अंकित
15 अगस्त की तारीख हमारी सामूहिक स्मृति में गहराई से अंकित है। औपनिवेशिक शासन की लंबी अवधि के दौरान देशवासियों की अनेक पीढ़ियों ने यह सपना देखा कि एक दिन देश स्वाधीन होगा। देश के हर हिस्से में रहने वाले सभी लोगों ने विदेशी शासन की बेड़ियों को तोड़ फेंकने के लिए व्याकुल थे।
01:25 PM14 अगस्त 2025
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति मुर्मू के पिछले 3 संबोधन…
25 जनवरी 2025: राष्ट्रपति बोलीं- हमारा संविधान जीवंत दस्तावेज, यह सामूहिक अस्मिता का मूल आधार

76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। अपनी स्पीच की शुरुआत उन्होंने देश को बधाई देकर की। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जो हमारी सामाजिक अस्मिता का मूल आधार है।
किसी राष्ट्र के इतिहास में 75 साल का इतिहास पलक झपकने जैसा होता है। भारत के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है। इस काल खंड में भारत की चेतना जागी। इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सबको संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। पूरी खबर पढ़ें…
14 अगस्त 2024: मुर्मू बोलीं- आजादी के त्योहार में शामिल होने वाले सभी देशवासी परिवार

78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को 20 मिनट संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि आजादी के त्योहार में शामिल होने वाले सभी देशवासी हमारा परिवार हैं।’
राष्ट्रपति ने कहा था, ‘आजादी का यह पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। हमारे स्वाधीनता सैनानियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की। सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब अंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है।’ पूरी खबर पढ़े…
25 जनवरी 2024: मुर्मू बोलीं- भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा अमृत काल

75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संख्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 जनवरी 2024 को 23 मिनट का भाषण दिया था। अपने संबोधन में उन्होंने राम मंदिर का जिक्र किया साथ ही कर्पूरी ठाकुर को भी श्रद्धांजलि दी थी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे गणतंत्र का 75वां वर्ष कई अर्थों में देश की यात्रा का एक ऐतिहासिक पड़ाव है। हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। यह भारत अमृत काल को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…