NSA Ajit Doval On Operation Sindoor: देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)अजित डोभाल ने आईआईटी मद्रास के कन्वोकेशन में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान के आर-पार 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का फैसला किया। हमसे कोई भी चूका नहीं। हमने इसके अलावा कहीं और निशाना नहीं साधा। इतना ही नहीं एनएसए ने यह भी कहा कि मुझे ऐसी कोई भी तस्वीर दिखाइए, जिसमें भारत को नुकसान पहुंचा हो।
एनएसए अजित डोभाल ने आईआईटी मद्रास में कहा, ‘ब्रह्मोस से लेकर रडार तक हमने पूरी तरह से भारतीय सामान का इस्तेमाल किया। हमें सचमुच इस बात पर गर्व है कि हमने इसमें भारतीय सामान का ही इस्तेमाल किया। हमने पाकिस्तान के आर-पार 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने का फैसला किया। हमसे कोई भी चूका नहीं। हमने इसके अलावा कहीं और निशाना नहीं साधा। यह उस प्वाइंट तक सटीक था जहां हमें पता था कि कौन कहां है। पूरे ऑपरेशन में 23 मिनट लगे। आप मुझे एक भी तस्वीर बताइए जिसमें भारत की तरफ से हुआ कोई नुकसान दिखाई दे।’
क्या है ऑपरेशन सिंदूर जिसने उड़ाए पाकिस्तान के होश?
#WATCH | Chennai, Tamil Nadu | Speaking on Operation Sindoor, at IIT Madras, NSA Ajit Doval slams the foreign media for their reportage on the operation.
“Foreign press said that Pakistan did that and this…You tell me one photograph, one image, which shows any damage to any… pic.twitter.com/v13Pr8RuRf
— ANI (@ANI) July 11, 2025
डोभाल ने विदेश मीडिया की कड़ी आलोचना की
अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर पर रिपोर्टिंग के लिए विदेशी मीडिया की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘विदेशी मीडिया ने कहा कि पाकिस्तान ने ऐसा और ऐसा किया। आप मुझे एक भी तस्वीर बताइए, जिसमें किसी भी भारतीय स्ट्रक्चर को कोई नुकसान दिखाई दे, यहां तक कि एक शीशा भी टूटा हो। उन्होंने ये बातें लिखीं और फैलाईं। तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के केवल 13 एयरबेस दिखाई दिए, चाहे वह सरगोधा हो, रहीम यार खान हो, चकलाला हो। मैं आपको केवल वही बता रहा हूं जो विदेशी मीडिया ने तस्वीरों के आधार पर फैलाया।’
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दिया जोर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जोर देते हुए डोभाल ने इसे गेम चेंजर बताया और कहा कि विदेशी सोर्स पर डिपेंड हुए बिना ही भारत को उभरती हुई तकनीकों को तेजी से अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘चीन को 5G विकसित करने में 12 साल लगे और 300 अरब डॉलर का निवेश करना पड़ा। हमारे पास न तो इतना समय है और न ही पैसा। सिर्फ ढाई साल में, हमने एक स्वदेशी विकल्प तैयार कर लिया है। इस उपलब्धि के लिए हम अपने प्राइवेट सेक्टर के आभारी हैं।’ ऑपरेशन सिंदूर में भारत का तीन विरोधियों से हुआ सामना पढ़ें पूरी खबर…