प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दायर चार्जशीट में दावा किया है कि उन्होंने 58 करोड़ रुपये की अपराध से कमाई हासिल की। यह रकम दो कंपनियों के जरिए आई। ईडी का कहना है कि इस धन का इस्तेमाल वाड्रा ने संपत्तियां खरीदने, निवेश करने और अपनी कंपनियों के कर्ज चुकाने में किया।
ईडी के मुताबिक, आरोपित 58 करोड़ रुपये में से 5 करोड़ रुपये ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (BBTPL) के जरिए और 53 करोड़ रुपये स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) के जरिए आए। दोनों कंपनियां वाड्रा के कारोबारी नेटवर्क से जुड़ी बताई गई हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि यह रकम शेड्यूल अपराध से उत्पन्न हुई थी, यानी उस स्रोत से जो पहले से अपराध घोषित है।
The investigation precisely quantified the Proceeds of Crime (PoC) generated from the alleged criminal activities. Robert Vadra was found to have received PoC amounting to Rs 58 crores. This amount was received through two channels. The PoC amounting to Rs 5 crores were routed…
— ANI (@ANI) August 10, 2025
धन के इस्तेमाल पर ईडी का दावा
चार्जशीट में कहा गया है कि वाड्रा ने इस रकम का उपयोग कई तरह से किया। इनमें अचल संपत्ति की खरीद, अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश, कंपनियों को लोन देने और समूह की कंपनियों के बकाया चुकाने जैसी गतिविधियां शामिल हैं। ईडी का कहना है कि ये सभी गतिविधियां कथित तौर पर अवैध कमाई से की गईं, जो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अपराध मानी जाती हैं।
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ईडी ने जांच में कैसे जुटाए सबूत
अधिकारियों के अनुसार, जांच के दौरान बैंक लेन-देन, कंपनी रिकॉर्ड और गवाहों के बयान के आधार पर यह वित्तीय प्रवाह ट्रैक किया गया। ईडी ने यह भी बताया कि जिन कंपनियों के जरिए धन आया, उनका संचालन वाड्रा के नजदीकी सहयोगियों के हाथों में था। एजेंसी का कहना है कि इन चैनलों का उपयोग रकम को कानूनी स्वरूप देने के लिए किया गया।
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आगे की कानूनी प्रक्रिया
ईडी ने चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है, और अब इस पर सुनवाई होगी। अगर अदालत आरोप तय करती है, तो वाड्रा को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत सजा का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल वाड्रा ने इन आरोपों पर सार्वजनिक रूप से कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है।