Last Updated:
भारतीय रेलवे यात्रियों के खाने-पीने के अनुभव को नया रूप देने की तैयारी में है. नई कैटरिंग पॉलिसी के तहत जल्द ही बड़े-बड़े फूड ब्रांड स्टेशन पर खुल सकते हैं. इससे सफर के दौरान यात्रियों को अधिक सुविधाजनक, स्वच्छ और भरोसेमंद भोजन विकल्प मिलने की उम्मीद है.
रेलवे की नई कैटरिंग पॉलिसी से बढ़ेगी खाने की क्वॉलिटी.(Image:AI) नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने अपनी कैटरिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत जल्द ही यात्रियों को केएफसी (KFC), मैक्डोनाल्ड्स (McDonald’s), पिज्जा हट (Pizza Hut), हल्दीराम (Haldiram) और बिकानेरवाला (Bikanerwala) जैसे नामी ब्रांड स्टेशन पर मिल सकते हैं. रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट के साथ-साथ अब खाने-पीने की सुविधाओं को भी नया रूप देने की तैयारी में है, जिससे पूरे देश के 1200 से अधिक स्टेशनों पर बेहतर फूड विकल्प उपलब्ध कराए जा सकेंगे. खासकर दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों के आधुनिक स्टेशन इस बदलाव का सबसे पहले लाभ उठा सकते हैं.
ई-ऑक्शन से होगा अलॉटमेंट
रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रीमियम ब्रांड स्टॉल किसी भी परिस्थितियों में नामांकन के आधार पर नहीं दिए जाएंगे. अब इन आउटलेट्स को सिर्फ ई-ऑक्शन के जरिए ही अलॉट किया जाएगा. प्रत्येक आउटलेट के लिए पांच साल का संचालन कार्यकाल तय किया गया है. नई पॉलिसी के मुताबिक, सिंगल-ब्रांड और कंपनी-ओन्ड या फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत आउटलेट खोले जा सकेंगे, बशर्ते स्टेशन पर उनकी मांग और जगह का औचित्य सिद्ध हो. इससे मौजूदा आरक्षण नीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसमें SC, ST, OBC, स्वतंत्रता सेनानियों और विस्थापितों के लिए स्टॉल कोटा आरक्षित है.
स्टेशनों पर बढ़ेगी फूड चॉइस की विविधता
अभी तक रेलवे स्टेशनों पर तीन तरह के स्टॉल- जैसे स्नैक्स, पेय पदार्थ, चाय, मिल्क बार और जूस बार- ही संचालित होते थे. अब रेलवे ने ‘प्रीमियम ब्रांड कैटरिंग आउटलेट’ को चौथी कैटेगरी के रूप में जोड़ दिया है. इससे यात्रियों को साफ-सुथरे, भरोसेमंद और ब्रांडेड फूड विकल्प मिल सकेंगे. रोजाना 2.3 करोड़ से ज्यादा यात्री ट्रेन से सफर करते हैं, ऐसे में फेमस फूड चेन का स्टेशन पर मौजूद होना यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा साबित होगा.
उच्च फुटफॉल वाले स्टेशनों पर पहले मिल सकता है लाभ
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, कई स्टेशनों पर लंबे समय से ब्रांडेड फूड आउटलेट्स की मांग की जा रही थी. अब जोनल रेलवे यह आकलन करेंगे कि किस स्टेशन पर कितनी जगह उपलब्ध है, कितना फुटफॉल है और किस तरह इस योजना को लागू किया जा सकता है. इसके साथ ही वे अपने-अपने स्तर पर विशेष शर्तें और कॉन्ट्रैक्ट तैयार करेंगे, ताकि प्रीमियम आउटलेट्स का संचालन सुचारू तरीके से शुरू हो सके. यात्रियों की सुविधा बढ़ाने और आधुनिक स्टेशन तैयार करने की दिशा में यह कदम रेलवे के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
About the Author
Rakesh Singh
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
