धान के तुरंत बाद लगा दें लहसुन, जानें क्यारी बनाने से लेकर खाद-पानी तक तरीका

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धान के तुरंत बाद लगा दें लहसुन, कमाई में इसका जवाब नहीं, जानें क्यारी बनाने से लेकर खाद-पानी तक पूरा तरीका

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Garlic farming tips : लहसुन ठंडी जलवायु की फसल है. इसकी बुवाई के लिए अक्टूबर से नवंबर का समय सबसे सही माना जाता है. जल्दी बोई फसल ज्यादा ऊंचे दाम पर बिकती है. किसान कुछ बातों का ध्यान रखें तो मालामाल हो सकते हैं.

रायबरेली. धान कटने के ठीक बाद लहसुन की खेती शुरू हो जाएगी. यह मसाले की सबसे जरूरी फसल है, जिसका उपयोग स्वाद और औषधीय गुणों के कारण हर घर की रसोई में होता है. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिलता है. लहसुन में सल्फर यौगिक, प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन पाए जाते हैं. अगर इसकी बिजाई सही से की जाए तो उत्पादन बेहतर मिलता है. कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा (बीएससी एग्रीकल्चर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद) लोकल 18 से बताते हैं कि लहसुन की बिजाई करने से पहले सही क्यारी और बीज की तैयारी बेहद जरूरी है. यदि किसान कलियों का चयन सोच-समझकर करें और क्यारी की देखभाल पर ध्यान दें, तो उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त हो सकती है, जो बाजार में अच्छी कीमत दिलाती है.

कब करें बिजाई

शिवशंकर वर्मा के मुताबिक, लहसुन ठंडी जलवायु की फसल है. इसकी बुवाई के लिए अक्टूबर से नवंबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है. कुछ जगहों पर किसान इसे दिसंबर तक भी बो सकते हैं, लेकिन जल्दी बोई गई फसल ज्यादा अच्छी और बाजार में ऊंचे दाम पर बिकती है. लहसुन की खेती के लिए दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी है. अच्छी जल निकासी होना भी जरूरी है, क्योंकि पानी ठहरने से कंद सड़ सकते हैं. बुवाई से पहले खेत की 3-4 बार गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें. इसके बाद खेत में गोबर की सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट डालकर मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए. इससे मिट्टी उपजाऊ बनती है और लहसुन की कलियों को पोषण मिलता है.

कैसे बनाएं क्यारी

लहसुन की बिजाई से पहले खेत में छोटी-छोटी क्यारियां बना लेनी चाहिए. क्यारी की चौड़ाई 1 से 1.2 मीटर और लंबाई जमीन की स्थिति के अनुसार रखी जा सकती है. क्यारियों के बीच 30-40 सेंटीमीटर की नालियां छोड़ना जरूरी है, ताकि सिंचाई और जल निकासी आसानी से हो सके. लहसुन की खेती कलियों (पोतियों) से की जाती है. बीज के लिए स्वस्थ, मोटी और बिना रोग वाली कलियां चुननी चाहिए. प्रत्येक कली को 5-6 सेंटीमीटर गहराई पर मिट्टी में दबाकर लगाया जाता है. कतार से कतार की दूरी 15 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 7-8 सेंटीमीटर रखी जाती है. कलियों को सीधा और नुकीला हिस्सा ऊपर की ओर रखते हुए बोना चाहिए. बिजाई के बाद हल्की सिंचाई करना जरूरी है. इसके बाद हर 10-12 दिन पर सिंचाई करें. खरपतवार से बचने के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें. जैविक खाद और उचित मात्रा में रासायनिक उर्वरक डालने से उत्पादन बढ़ता है.

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Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…

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Location :

Rae Bareli,Uttar Pradesh

First Published :

October 02, 2025, 05:11 IST

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