EPS95 पेंशन धारकों की मांगों के समर्थन में हेमा मालिनी की प्रधानमंत्री को गुहार-दिया प्रधानमंत्री को स्मरण पत्र

# EPS95 पेंशन धारकों द्वारा 30-35 वर्ष तक सेवा के दौरान शासन के नियमानुसार पेंशन फण्ड में पेंशन राशि कटवाने के बाबजूद रिटायरमेंट के बाद नाममात्र रु.200 से लेकर रु. 3000 तक पेंशन मिलती है.

पेंशन धारकों को सम्मानपूर्ण पेंशन मिले व मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए इन मांगों को लेकर यह EPS95 धारक ,जिनमें निजी क्षेत्रों के पेंशन धारक सहित 186 उद्योगों के 65 लाख पेन्शन धारक सम्मलित हैं, यह पेंशन धारक कमांडर अशोक राऊत,राष्ट्रीय संघर्ष समिति(NAC) के नेतृत्व में पिछले 3 वर्षों से पेंशन धारकों की माँगों को मंजूर हेतु ,अपनी आवाज को प्रधानमंत्री जी तक पहुचाने के लिए संघर्ष कर रहे है और तहसील स्तर से लेकर दिल्ली स्तर तक हजारों आंदोलन कर चुके हैं साथ ही संगठन के मुख्यालय महाराष्ट्र के बुलढाणा में पिछले 559 दिनों से क्रमिक अनशन शांतिपूर्ण ढंग से जारी है.
अंत में मथुरा की संसद सदस्य हेमा मालिनी ने इन पेंशन धारकों की,जिनमें मथुरा के पेंशन धारक सम्मलित हैं, उनकी करुणा भरी पुकार सुनकर दिनांक 4 मार्च को दिल्ली में प्रधानमंत्री जी के कार्यालय में संगठन के प्रतिनिधियों की मीटिंग प्रधानमंत्री के साथ करवाई थी और इसी मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री जी ने विषय की गंभीरता को समझते हुये पेंशन धारकों की समस्याओं को तुरंत सुलझाने हेतु दिशा निर्देश भी दिए थे.
इसी संदर्भ में हेमा मालिनी जी EPS 95 पेंशन धारकों के हित में फिर सामने आई व दिनांक 2 जुलाई को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को स्मरण पत्र लिखा.
स्मरण पत्र में दिनांक 4 मार्च की मीटिंग का जिक्र व संगठन के पत्र दिनांक 13.5.2020 का जिक्र करते हुए EPS पेंशन धारकों को रु.7500 पेंशन व साथ में महंगाई भत्ता तथा मेडिकल सुविधा प्रदान कर न्याय देने की बात कही गई है.
इस संदर्भ में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत से संपर्क कर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि EPS95 पेंशन धारक बहुत ही अल्प पेंशन राशि मिलने के कारण अत्यंत दयनीय व मरणासन्न अवस्था में जीवन जी रहे हैं व पेंशन धारक होने के नाते ,ज्येष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं भी से वंचित रहते हैं.
मा. हेमा मालिनी जी व मा.प्रधानमंत्री जी ने हमारी करुणा भरी पुकार को सुना,इसके लिए संगठन उनके प्रति कृतज्ञ है.
अब हम 65 लाख पेंशन धारक व उनके परिवार के सदस्यों की निगाहें आशा भरी नज़रों से प्रधानमंत्री जी पर टिकी हैं.मा.श्रममंत्री के आवाहन पर “बुलढाणा क्रमिक अनशन “को छोड़कर देश में जारी सभी आंदोलन पहले से ही वापिस ले लिए गए .
हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी “एक कदम EPS 95 सदस्यों की ओर बढ़ाकर ” हमें शीघ्र न्याय देंगे जिससे 559 दिनों से जारी “बुलढाणा अनशन” भी समाप्त हो व 65 लाख पेंशन धारकों के परिवार जनों के जीवन में खुशहाली आये.