भारतीय छात्रों के लिए नौकरियों की बहार लाया जेंडर, डीपीजी इंस्टिट्यूट से किया समझौता

जेंडर एक लोकप्रिय मोबाइल फाइल ट्रांसफर और शेयरिंग ऐप है। यह एक टेक स्टार्टअप भी है। जेंडर की टीम ने डीपीजी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के गुड़गांव कैंपस का सरप्राइज दौरा किया। जब टीम ने डीपीजी इंस्टिट्यूट का दौरा किया। उस समय उनके मस्तिष्क में केवल दो लक्ष्य थे, जिनमें से पहला पूरे कैंपस में स्टूडेंट्स का सर्वे करना कि इस कॉलेज के स्टूडेंट्स कैसी फिल्म देखना पसंद करते हैं और दूसरा कॉलेज के साथ इनक्यूबेशन प्रोग्राम शुरू करने के लिए सेटअप बनाना था।
गौरतलब है कि जेंडर ऐप से काफी तेजी से फाइल ट्रांसफर होती है। जेंडर ऐप के अनुकूल इंटरफेस में आप आसानी से फाइलों की खोज कर सकते हैं। इससे कोई भी फाइल किसी भी आकार में भेजी जा सकती है। फाइल शेयरिंग के दौरान इंटरनेट या मोबाइल डेटा के इस्तेमाल से बचना है तो जेंडर ऐप एक बेहतरीन विकल्प है। फाइल शेयरिंग की आपकी जरूरत को जेंडर बेहतरीन तरीके से पूरी करता है। यह ऐप एंड्रॉयड, आईओएस, विंडोज, पीसी/मैक क्रॉस-प्लेटफॉर्म ट्रांसफर को सपोर्ट करता है। ऐप के लिए किसी यूएसबी कनेक्शन या पीसी सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं होती। यह ऐप आपके डाटा का बैकअप लेकर एक फाइल मैनेजर की तरह भी काम करता है। ऐप का दावा है कि इससे हर रोज 100 मिलियन से ज्यादा फाइल शेयर की जाती है। हर तरह के म्यूजिक, वीडियो, ऐप और तस्वीरें शेयर करने के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। ये चार डिवाइस तक को कनेक्ट करके शेयरिंग की इजाजत देता है।
जेंडर की टीम के सदस्यों का डीपीजी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट पहुंचने पर इंस्टिट्यूट के डीन और कॉलेज के हेड प्रोफेसर (इंजीनियरिंग) श्री रणधीर कुमार ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
मोबाइल इंडस्ट्री की एक प्रमुख कंपनी होने के नाते जेंडर की दिलचस्पी भारत से ज्यादा से ज्यादा स्थानीय प्रतिभाओं को नौकरी देने में है। उस तरह दोनों पक्ष मोबाइल और इंटरनेट युग के विकास पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अलावा इसमें एंटरप्रिन्योरशिप का ट्रेंड भी छात्रों को समझाया जाएगा।
टीम इंस्टिट्यूट में छात्रों से मिलने के बाद डीपीजी के प्लेग्राउंड में पहुंची और वहां सर्वे की तैयारी शुरू की। जब छात्रों को यह पता चला कि इस इवेंट की मेजबानी जेंडर की ओर से की जा रही है। उस समय कई स्टूडेंट्स ने स्वीकार किया कि वह मोबाइल ट्रांसफर ऐप के एक्टिव यूजर हैं। इन छात्रों ने जेंडर की टीम को बताया कि उन्हें जैंडर का ऐप काफी पसंद आ रहा है। जेंडर की टीम उत्साही छात्रों के ग्रुप से मिले फीडबैक और रेस्पांस से काफी संतुष्ट नजर आई।
कंप्यूटर साइंस के छात्र रवि खान ने बताया, “जेंडर की टीम से बातचीत करना मेरे लिए काफी शानदार अनुभव था। जेंडर की टीम से हुई बातचीत हमारे जैसे बी-स्कूल के छात्रों के लिए काफी फायदेमंद और छात्रों को नए अनुभव से समृद्ध कने वाली रही। अगर मुझे मौका दिया गया तो मैं जेंडर की टीम के साथ काम करना पसंद करूंगा।“
भविष्य में जेंडर देश के कई अन्य कॉलेजों से जुड़ना चाहेगा। जेंडर का लक्ष्य स्थानीय प्रतिभाओं के लिए नौकरी के ज्यादा अवसरों का सृजन करना है। मूवी प्लेटफॉर्म के लॉन्च होने के बाद विशेष तौर पर जेंडर एक ब्रैंड न्यू प्रॉडक्ट के रूप में विकसित होगा। इसके लिए कंपनी को नई प्रतिभाओं या नए खून (युवाओं) की बेहद शिद्दत से जरूरत है।